रविवार, 26 फ़रवरी 2017

होली और तन्त्र प्रयोग

 होली और तन्त्र प्रयोग



               सम्पूर्ण वर्ष के महत्वपूर्ण दिवसों में दारुण रात्रि, जो कि होलिका दहन के दिन को कहा गया है। महोरात्रि यानि महाशिव रात्रि, मोहरात्रि यानि कृष्णजन्माष्टमी और महानिशा यानि दिवाली की रात को कहा जाता है। इसके अलावा विशिष्ट दिनों में जो कि दीर्घकालीन दिवस हैं, वे नवरात्री (दोनों), होलिकाष्टक, श्रावणमास और तन्त्र मास या तन्त्र दिवस हैं। इस तरह हमारे पास साधनाओं के लिए बहुत समय मिलता है।

                इसी क्रम में अति विशिष्ट और महत्वपूर्ण दिवसों की शुरुआत हो चुकी है तन्त्र मास के, जो कि महाशिवरात्रि से प्रारम्भ होकर धुरेंडी तक चलते हैं।  साधकों के लिए ही तो इस तरह के दिवस की उपयोगिता होती है, क्योंकि साधक ही उस क्षण विशेष को जानकर, समझ कर इसका उपयोग करने से नहीं चूकते। वे जानते हैं कि जो कार्य अन्य दिनों में सम्भव ना हो, वो सब कार्य या सिद्धि इन विशेष दिवसों में सम्पन्न हो ही जाते हैं।

              सदगुरुदेव ने इस विषय पर अनेक बार समझाया है, क्षण के महत्व को, समय के महत्व को, कि एक साधक कैसे उस क्षण को पकड़ कर उसका सदुपयोग करता है, कैसे वो उस क्षण को अपने लिए प्रभावकारी बना लेता है, अनेकों बार गुरुदेव भजन रोककर या समयानुसार समय देखकर दीक्षाएँ और प्रयोग करवा दिया करते थे। तो क्यों ना हम भी उन क्षणों को पकड़ने की कला सीखें? क्यों ना हम भी उस समय का सदुपयोग करें?

            तन्त्र दिवस और उस पर होलिकाष्टक है ना विशिष्ट समय तो पकड़ लीजिए उन क्षणों को, और कर लीजिए आसान राह जिंदगी की।  क्योंकि यही वो समय है जिसका साधक, विशेषकर तन्त्र साधक, बड़ी बेसब्री से इन्तज़ार करते हैं। क्योंकि यही वो समय होता है जब हमें हमारा अभीष्ट बिलकुल सामने दिखाई देता है, बस आवश्यकता है उसे पकड़ने की।

             तन्त्र मास और होलिकाष्टक के स्वर्णिम अवसर पर करने योग्य कुछ सरल साधना प्रयोग यहाँ दिए जा रहे हैं। इन समस्त प्रयोगों को महाशिवरात्रि से नवरात्रि तक पूरे तन्त्र मास में कभी भी सम्पन्न किया जा सकता है।

. तन्त्र-बाधा (अभिचार-कर्म) निवारक प्रयोग

                होली की रात्रि में या किसी अन्य सिद्ध मुहूर्त में लकड़ी के बाजोट (चौकी) पर लाल वस्त्र बिछाकर, उस पर ताँबे के पात्र में जल भरकर, पान का एक पत्ता उसमें डाल कर रख दें। ताँबे के पात्र को काले तिल की ढेरी पर स्थापित करें। सरसों के तेल का दीपक जला लें। फिर निम्न मन्त्र की २१ माला जाप करें---

मन्त्र :---


।। ॐ आं ह्रीं क्रों ऐं ।।

               इस प्रकार यह प्रयोग लगातार तीन दिन तक करें। अन्तिम दिन ताँबे के पात्र में रखे अभिमन्त्रित जल को पूरे घर में पान के पत्ते से छिड़काव करें। जल की कुछ मात्रा घर का प्रत्येक सदस्य ग्रहण करे तो तन्त्र-बाधा शान्त होती है। काले तिलों को शनिवार के दिन बहते जल में विसर्जित कर दें।

. सर्व उपद्रव नाशन प्रयोग

               यदि आपके कार्यों में लगातार बाधाएँ आ रही हों अथवा आपके घर में अचानक ही किसी प्रकार की कोई अप्रिय घटनाएँ घटित होती हों, जिसके कारण बड़ी हानि उठानी पड़ती हो अथवा आपको लगता हो कि आपके घर पर कोई ऊपरी चक्कर है अथवा किसी ने कोई बन्दिश करवा दी है तो आप इस उपाय के माध्यम से उपरोक्त सभी समस्याओं से मुक्ति पा सकते हैं।

              होली की रात्रि में आप घर के किसी शुद्ध स्थान पर गोबर से लीपकर उस पर अष्टदल बनाएं। फिर उस पर एक बाजोट रखकर लाल वस्त्र बिछाएं। लाल वस्त्र पर अभिमन्त्रित ३ लघु नारियल तथा श्रीहनुमान यन्त्र को स्थान दें। इसके बाद एक पात्र में थोड़ा-सा गाय का कच्चा दूध रखें तथा अलग से पंचगव्य रखें। फिर नारियल व यन्त्र पर रोली से तिलक करके प्रभु श्री हनुमान जी से अपनी समस्या के समाधान का निवेदन करें और गुड़ का भोग लगाएं। तत्पश्चात शुद्ध घी के दीपक के साथ चन्दन की अगरबत्ती व गुग्गुल की धूप अर्पित करें। फिर ताँबे की प्लेट पर रोली से  "ॐ हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट्" मन्त्र लिखें।  फिर एक सामान्य नारियल को फोड़कर (पधारकर) उसके पानी को अपने साधना स्थल पर छिड़क दें और नारियल को प्लेट के पास रख दें।

               फिर मूँगे की माला से निम्न मन्त्र की तीन माला जाप करें -

मन्त्र :---


।। ॐ घण्टाकर्णो महावीर सर्व उपद्रव नाशन कुरु-कुरु स्वाहा ।।

                मन्त्र जाप समाप्त होने के बाद प्रणाम करके बाहर आ जाएं। गाय के दूध को अपने घर के चारों ओर घूमते हुए धारा के रूप में बिखराकर कवच जैसा बना दें और पंचगव्य से मुख्य द्वार को लीप दें।

              अगले दिन स्नान करके प्रभु को भोग व धूप-दीप अर्पित करके घण्टाकर्ण मन्त्र की पुनः तीन माला का जाप करें। इस प्रकार यह क्रिया लगातार ग्यारह दिन तक करें। ग्यारहवें दिन मन्त्र जाप के बाद १४-१८ वर्ष के किसी लड़के को भोजन कराकर दक्षिणा और वस्त्र आदि दें। फिर उसके चरण स्पर्श कर उसे विदा करें। उसके जाने के बाद लाल वस्त्र में लघु नारियल, यन्त्र और टूटा नारियल रखकर एक पोटली का रूप दें। उसको किसी लकड़ी के डिब्बे में रखकर अपने घर में कहीं भी गड्ढा खोदकर दबा दें। अब ताँबे की जिस प्लेट में आपने प्रभु श्रीहनुमान जी का मन्त्र लिखा था, उसमें गंगाजल डालकर धो लें और उस जल को अपने घर में छिड़क दें।

              यदि आप किसी फ्लैट में रहते हैं, जहाँ आपको पोटली दबाने का कोई स्थान न मिले तो अपने फ्लैट के पास किसी कच्चे स्थान पर भी दबा सकते हैं।

             इस उपाय से कुछ ही समय बाद आप चमत्कारिक परिवर्तन अनुभव करेंगे।

            यदि यह उपाय आप होली पर नहीं कर पाते हैं तो शुक्लपक्ष के प्रथम मंगलवार से आरम्भ करें। सभी समस्याएँ दूर हो जाएंगी।

. सर्व कार्य सिद्धि प्रयोग

                यदि आपका कोई कार्य रुका हुआ है अथवा कार्यों में अचानक ही कोई रुकावट आ जाती है तो आप होलाष्टक के प्रथम  दिवस पर २१ अभिमन्त्रित गोमती चक्र व एक हत्थाजोड़ी लेकर लाल वस्त्र के ऊपर रखकर धूप-दीप से पूजन करें। फिर निम्न मन्त्र का ११ माला जाप करें –

मन्त्र :---


।।ॐ ह्रीं ह्रीं ह्रीं क्रीं क्रीं क्रीं श्रीं श्रीं श्रीं सर्व कार्य सिद्धि देहि मे फट् स्वाहा।।

              यह प्रयोग लगातार सात दिन तक करें।  इस प्रकार सम्पूर्ण सामग्री अभिमन्त्रित हो जाने के बाद किसी चाँदी की डिब्बी में हत्थाजोड़ी को एवं लकड़ी की डिब्बी में गोमती चक्र को सिन्दूर के साथ रख दें। इस उपाय से आप आर्थिक समृद्धि के साथ-साथ कार्यों में आनेवाली रुकावटों से भी मुक्ति पा लेंगे।

. इच्छित व्यक्ति वशीकरण प्रयोग

                यदि आप किसी को अपने वश में करना चाहते हैं तो होली की रात्रि में होलिका दहन से पहले चाँदी के कप अथवा गिलास में ताजा जल भर लें। उसमें थोड़ी-सी मिश्री मिला लें तथा ११ बार होली की परिक्रमा करें। प्रत्येक परिक्रमा में उस व्यक्ति को अपने वश में करने तथा पूर्ण कार्य सिद्धि के लिए होलिका माता से निवेदन करें। फिर जल को घर लाकर किसी लाल कपड़े पर स्थापित करें और उसका धूप-दीप से पूजन करें। फिर निम्न मन्त्र की स्फटिक माला से तीन माला जाप करें –

मन्त्र :---


।। ॐ ह्रीं ह्रीं फ्रीं ।।

                 फिर अपने हाथ से उस गिलास या कप का स्पर्श कर कार्य सिद्धि का पुनः निवेदन करें। इसके बाद पुनः एक माला मन्त्र जाप करें। प्रत्येक मन्त्र उच्चारण बाद जल में फूँक मारें। इस जल को २४ घण्टे के भीतर ही उस व्यक्ति को पिला देना चाहिए। वह व्यक्ति वशीभूत होकर आपके इच्छित कार्य को सम्पन्न कर देगा।

. धनदायक सरल प्रयोग

                होली की रात्रि में होलिका दहन से पहले आप अपने घर के पूजा-स्थान में लाल या पीले आसन पर बैठकर माँ लक्ष्मी को रोली और लाल गुलाल मिलाकर तिलक करें। शुद्ध घी का दीपक व धूप-अगरबत्ती करके कोई पीला प्रसाद अर्पित करें। इसके बाद माँ के चरणों में पीला गुलाल एवं तीन अभिमन्त्रित गोमती चक्र अर्पित करें। फिर माँ लक्ष्मी के चित्र अथवा प्रतिमा के समक्ष कमलगट्टे की माला से निम्न मन्त्र का पाँच माला जाप करें ---

मन्त्र :---


।। ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमलवासिन्यै नमः ।।

                जाप पूर्ण होने के बाद प्रणाम करके उठ जाएं।

               अगले दिन माँ लक्ष्मी के चरणों से पीला गुलाल व तीनों गोमती चक्र उठाकर एक लाल वस्त्र में बाँधकर घर के किसी शुद्ध स्थान अथवा तिजोरी में रख दें। इस उपाय से एक वर्ष के लिए माँ लक्ष्मी के चरण आपके घर में उस पोटली में ही रहेंगे और आपको वर्षभर धन की कमी नहीं होगी।

                 दूसरे साल आप पुनः इस प्रयोग को फिर से उपरोक्त विधि से सम्पन्न करें। इस प्रयोग को करने से पहले अर्थात् होली के एक दिन पूर्व पिछले साल वाली पोटली को धूप-अगरबत्ती अर्पित करें। जब अगरबत्ती पूरी तरह जल जाए, तब उस पोटली को जल में प्रवाहित कर दें। इसके स्थान पर पुनः यह प्रयोग करने के बाद नयी पोटली बनाकर एक वर्ष के लिए रख दें। यदि आप इस प्रयोग को प्रत्येक साल होली के सुअवसर पर करते रहेंगे तो फिर माँ लक्ष्मी जी की कृपा आप पर हमेशा ही बनी रहेगी।

. संकटमोचन हनुमन्त प्रयोग

               यदि आप पर कोई संकट है, तो तन्त्र मास के किसी मंगलवार के दिन से नीचे लिखे हनुमान मन्त्र का विधि-विधान से जाप आरम्भ करें—

मन्त्र :


।। ॐ नमो हनुमते रूद्रावताराय सर्वशत्रुसंहारणाय सर्वरोग हराय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वाहा ।।

जप विधि :

           सुबह जल्दी उठकर सर्वप्रथम स्नान आदि नित्यकर्म से निवृत्त होकर साफ वस्त्र पहनें। इसके बाद अपने माता-पिता, गुरु, इष्ट व कुलदेवता को नमन कर कुश अथवा लाल ऊन के आसन पर बैठें। पारद हनुमान प्रतिमा अथवा हनुमान चित्र के सामने इस मन्त्र का नित्य तीन माला जाप करेंगे तो विशेष फल मिलता है। जाप के लिए लाल हकीक की माला का प्रयोग करें।

              यह प्रयोग ग्यारह दिन तक नियमित रूप से सम्पन्न करें। हनुमान जी की कृपा से सभी प्रकार के संकट दूर हो जाएंगे।

. कार्यक्षेत्र में शत्रु-षडयन्त्र नाशन प्रयोग

               कभी-कभी हमारे आसपास या हमारे कार्य स्थान पर कोई न कोई हमारे विरुद्ध षडयन्त्र रच रहा होता है। इसका असर हमारे काम और मन दोनों पर पड़ता है।

               इस प्रयोग से उस इन्सान के सभी क्रियाकलापों पर पाबन्दी लग जाती है। यह प्रयोग बीज मन्त्रों से युक्त है, अतः पूर्ण सावधानी से करना चाहिए।

              शनिवार रात्रि ८ बजे के बाद शिव मन्दिर में जाएं। हनुमानी सिन्दूर में उपले की राख मिला कर उसे पानी में घोंट कर स्याही बना लें। अब शिव मन्दिर में शिवलिंग के सामने ही एक भोजपत्र अथवा कागज पर इस स्याही से एवं अनार की कलम से यह मन्त्र शत्रु के नाम के साथ लिखें ---

मन्त्र :---


।। हूं ह्रौं हूं ह्रीं हूं फट् अमुक हूं ह्रौं हूं ह्रीं हूं फट् ।।

              फिर इसी मन्त्र की ३ माला जाप करें।

               चाहे तो आप यह जाप घर पर कर सकते हैं, परन्तु कागज वाली क्रिया आपको शिवलिंग के सामने ही करनी होगी। जिनके पास पारद शिवलिंग हैं, वे घर पर ही सारी क्रिया कर सकते हैं।

              इस प्रयोग को शनिवार-रविवार-सोमवार-मंगलवार कुल चार दिन करना है। कागज पर नाम व मन्त्र लिखने वाली क्रिया मात्र शनिवार को ही करनी है। अन्तिम दिन अर्थात मंगलवार को जाप के बाद इस कागज को किसी वीरान जगह गड्ढा खोदकर गाड़ देना चाहिए।

             इस चार दिनों के प्रयोग को बार-बार करना चाहिए ताकि आपकी ऊर्जा का विस्तार हो सके। अमुक की जगह शत्रु का नाम लिखना एवं जाप के मध्य बोलना चाहिए।

            प्रयोग का दुरुपयोग न करे अन्यथा स्वयं को ही हानि होगी।

आज के लिए बस इतना ही।

ॐ नमो आदेश निखिल को आदेश आदेश आदेश।।

कोई टिप्पणी नहीं: