शुक्रवार, 6 अक्तूबर 2017

दीपावली और सरल लघु प्रयोग

दीपावली और सरल लघु प्रयोग


          दीपावली महापर्व समीप ही है। आप सभी को पंच दिवसीय दीपावली महापर्व की अग्रिम रूप से बहुत-बहुत हार्दिक शुभकामनाएँ!

          दीवाली, जिसे दीपावली के नाम से भी जाना जाता है, साल का सबसे प्रसिद्ध त्योहार है। दीवाली उत्सव धनतेरस से शुरू होता है और भैया दूज पर समाप्त होता है। अधिकतर प्रान्तों में दीवाली की अवधि पाँच दिनों की होती है, जबकि महाराष्ट्र में दीवाली उत्सव एक दिन पहले गोवत्स द्वादशी के दिन शुरू हो जाता है।

          इन पाँच दिनों के दीवाली उत्सव में विभिन्न अनुष्ठानों का पालन किया जाता है और देवी लक्ष्मी के साथ-साथ कई अन्य देवी देवताओं की पूजा की जाती है। हालाँकि दीवाली पूजा के दौरान देवी लक्ष्मी सबसे महत्वपूर्ण देवी होती हैं। पाँच दिनों के दीवाली उत्सव में अमावस्या का दिन सबसे महत्वपूर्ण दिन होता है और इसे लक्ष्मी-पूजा, लक्ष्मी-गणेश पूजा और दीवाली-पूजा के नाम से जाना जाता है।

          दीवाली पूजा केवल परिवारों में ही नहीं, बल्कि कार्यालयों में भी की जाती है। पारम्परिक हिन्दु व्यवसायियों के लिए दीवाली पूजा का दिन सबसे महत्वपूर्ण होता है। इस दिन स्याही की बोतल, कलम और नये बही-खातों की पूजा की जाती है। दवात और लेखनी पर देवी महाकाली की पूजा कर दवात और लेखनी को पवित्र किया जाता है और नये बही-खातों पर देवी सरस्वती की पूजा कर बही-खातों को भी पवित्र किया जाता है।

          दीवाली के दिन लक्ष्मी पूजा करने के लिए सबसे शुभ समय सूर्यास्त के बाद का होता है। सूर्यास्त के बाद के समय को प्रदोष कहा जाता है। प्रदोष के समय व्याप्त अमावस्या तिथि दीवाली पूजा के लिए विशेष महत्वपूर्ण होती है। अतः दीवाली पूजा का दिन अमावस्या और प्रदोष के इस योग पर ही निर्धारित किया जाता है। इसलिए प्रदोष काल का मुहूर्त लक्ष्मी पूजा के लिए सर्वश्रेस्ठ होता है और यदि यह मुहूर्त एक घटी के लिए भी उपलब्ध हो तो भी इसे पूजा के लिए प्राथमिकता दी जानी चाहिए।

          शास्त्रों के अनुसार कुछ ऐसे उपाय बताए गए हैं, जो दीपावली के दिन करने पर बहुत जल्दी लक्ष्मी जी की कृपा प्राप्त की जा सकती है। यहाँ लक्ष्मी-कृपा पाने के लिए ५१ उपाय बताए जा रहे हैं और ये उपाय सभी राशि के लोगों द्वारा किए जा  सकते हैं। यदि आप चाहे तो इन उपायों में से एक से अधिक उपाय भी कर सकते हैं।

          १. दीपावली पर लक्ष्मी पूजन में हल्दी की गाँठ भी रखें। पूजन पूर्ण होने पर हल्दी की गाँठ को घर में उस स्थान पर रखें, जहाँ धन रखा जाता है।

          २. दीपावली के दिन यदि सम्भव हो सके तो किसी किन्नर से उसकी खुशी से एक रुपया लें और इस सिक्के को अपने पर्स में रखें। बरकत बनी रहेगी।

          ३. दीपावली के दिन घर से निकलते ही यदि कोई सुहागन स्त्री लाल रंग की पारम्परिक ड्रेस में दिख जाए तो समझ लें, आप पर महालक्ष्मी की कृपा होने वाली है। यह एक शुभ शकुन है। ऐसा होने पर किसी जरूरतमन्द सुहागन स्त्री को सुहाग की सामग्री दान करें।

          ४. दीपावली की रात में लक्ष्मी और कुबेर देव का पूजन करें और यहाँ दिए गए एक मन्त्र का जाप कम से कम १०८ बार अवश्य करें।
मन्त्र :----------

।। ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रववाय धन-धान्यधिपतये धन-धान्य समृद्धि मे देहि दापय स्वाहा ।।

          ५. दीपावली पर लक्ष्मी पूजन के बाद घर के सभी कमरों में शंख और घण्टी बजाना चाहिए। इससे घर की नकारात्मक ऊर्जा और दरिद्रता बाहर चली जाती है। माँ लक्ष्मी घर में आती हैं।

          ६. महालक्ष्मी के पूजन में गोमती चक्र भी रखना चाहिए। गोमती चक्र भी घर में धन सम्बन्धी लाभ दिलाता है।

          ७. दीपावली पर तेल का दीपक जलाएं और दीपक में एक लौंग डालकर हनुमानजी की आरती करें। किसी हनुमान मन्दिर जाकर ऐसा दीपक भी लगा सकते हैं।

          ८. रात को सोने से पहले किसी चौराहे पर तेल का दीपक जलाएं और घर लौटकर आ जाएं। ध्यान रखें पीछे पलटकर न देखें।

          ९. दीपावली के दिन अशोक के पेड़ के पत्तों से वन्दनद्वार बनाएं और इसे मुख्य दरवाजे पर लगाएं। ऐसा करने से घर की नकारात्मक ऊर्जा नष्ट हो जाएगी।

          १०. किसी शिव मन्दिर जाएं और वहाँ शिवलिंग पर अक्षत यानि चावल चढ़ाएं। ध्यान रहें, सभी चावल पूर्ण होने चाहिए। खण्डित चावल शिवलिंग पर चढ़ाना नहीं चाहिए।

          ११. अपने घर के आसपास किसी पीपल के पेड़ के नीचे तेल का दीपक जलाएं। यह उपाय दीपावली की रात में किया जाना चाहिए। ध्यान रखें, दीपक लगाकर चुपचाप अपने घर लौट आए, पीछे पलटकर न देखें।

          १२. यदि सम्भव हो सके तो दीपावली की देर रात तक घर का मुख्य दरवाजा खुला रखें। ऐसा माना जाता है कि दिवाली की रात में महालक्ष्मी पृथ्वी पर भ्रमण करती हैं और अपने भक्तों के घर जाती हैं।

          १३. महालक्ष्मी के पूजन में पीली कौड़ियाँ भी रखनी चाहिए। ये कौड़ियाँ पूजन में रखने से महालक्ष्मी बहुत ही जल्द प्रसन्न होती हैं। आपकी धन सम्बन्धी सभी परेशानियाँ खत्म हो जाएंगी।

          १४. दीपावली की रात लक्ष्मी पूजा करते समय एक थोड़ा बड़ा घी का दीपक जलाएं, जिसमें नौ बत्तियाँ लगाई जा सके। सभी ९ बत्तियाँ जलाएं और लक्ष्मी पूजा करें।

          १५. दीपावली की रात में लक्ष्मी पूजन के साथ ही अपनी दुकान, कम्प्यूटर आदि ऐसी चीज़ों की भी पूजा करें, जो आपकी कमाई का साधन हैं।

          १६. लक्ष्मी पूजन के समय एक नारियल लें और उस पर अक्षत, कुमकुम, पुष्प आदि अर्पित करें और उसे भी पूजा में रखें।

          १७. दीपावली के दिन झाड़ू अवश्य खरीदना चाहिए। पूरे घर की सफाई नई झाड़ू से करें। जब झाड़ू का काम न हो तो उसे छिपाकर रखना चाहिए।

          १८. इस दिन अमावस्या रहती है और इस तिथि पर पीपल के वृक्ष को जल अर्पित करना चाहिए। ऐसा करने पर शनि के दोष और कालसर्प दोष समाप्त हो जाते हैं।

          १९. प्रथम पूज्य श्रीगणेशजी को दूर्वा अर्पित करें। दूर्वा की २१ गाँठ गणेशजी को चढ़ाने से उनकी कृपा प्राप्त होती है। दीपावली के शुभ दिन यह उपाय करने से गणेशजी के साथ महालक्ष्मी की कृपा भी प्राप्त होती है।

          २०. दीपावली से प्रतिदिन सुबह घर से निकलने से पहले केसर का तिलक लगाएं। ऐसा हर रोज़ करें, महालक्ष्मी की कृपा प्राप्त होगी।

          २१. यदि सम्भव हो सके तो दीपावली पर किसी गरीब व्यक्ति को काले कम्बल का दान करें। ऐसा करने पर शनि और राहु-केतु के दोष शान्त होंगे और कार्यों में आ रही रुकावटें दूर हो जाएंगी।

          २२. महालक्ष्मी के पूजन में दक्षिणावर्ती शंख भी रखना चाहिए। यह शंख महालक्ष्मी को अतिप्रिय है। इसकी पूजा करने पर घर में सुख-शान्ति का वास होता है।

          २३. महालक्ष्मी के चित्र का पूजन करें, जिसमें लक्ष्मी अपने स्वामी भगवान विष्णु के पैरों के पास बैठी हैं। ऐसे चित्र का पूजन करने पर देवी बहुत जल्द प्रसन्न होती हैं।

          २४. दीपावली के पाँचों दिनों में घर में शान्ति बनाए रखें। किसी भी प्रकार का क्लेश, वाद-विवाद न करें। जिस घर में शान्ति रहती है, वहाँ देवी लक्ष्मी हमेशा निवास करती हैं।

          २५. दीपावली पर ब्रह्म मुहूर्त में उठें और स्नान करते समय नहाने के पानी में कच्चा दूध और गंगाजल मिलाएं। स्नान के बाद अच्छे वस्त्र धारण करें और सूर्य को जल अर्पित करें। जल अर्पित करने के साथ ही लाल पुष्प भी सूर्य को चढ़ाएं। किसी ब्राह्मण या जरूरतमन्द व्यक्ति को अनाज का दान करें। अनाज के साथ ही वस्त्र का दान करना भी श्रेष्ठ रहता है।

          २६. दीपावाली पर श्रीसूक्त एवं कनकधारा स्तोत्र का पाठ करना चाहिए। रामरक्षा स्तोत्र या हनुमान चालीसा या सुन्दरकाण्ड का पाठ भी किया जा सकता है।

          २७. महालक्ष्मी को तुलसी के पत्ते भी चढ़ाने चाहिए। लक्ष्मी पूजा में दीपक दाएं, अगरबत्ती बाएं, पुष्प सामने व नैवेद्य थाली दक्षिण में रखना श्रेष्ठ रहता है।

          २८. महालक्ष्मी के ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद् श्रीं ह्रीं श्रीं  ॐ महालक्ष्मयै नमः।” इस मन्त्र का जाप करें। मन्त्र जाप के लिए कमलगट्टे की माला का उपयोग करें। दीपावली पर कम से कम १०८ बार इस मन्त्र का जाप करें।

          २९. दीपावली से यह एक नियम रोज़ के लिए बना लें कि सुबह जब भी उठे तो उठते ही सबसे पहले अपनी दोनों हथेलियों का दर्शन करना चाहिए।

          ३०. दीपावली पर श्रीयन्त्र के सामने अगरबत्ती व दीपक लगाकर पूर्व दिशा की ओर मुख करके कुश के आसन पर बैठें। फिर श्रीयन्त्र का पूजन करें और कमलगट्टे की माला से महालक्ष्मी के मन्त्र ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद् श्रीं ह्रीं श्रीं  ॐ महालक्ष्मयै नमः।” का जाप करें।

          ३१. किसी मन्दिर में झाड़ू का दान करें। यदि आपके घर के आसपास कहीं महालक्ष्मी का मन्दिर हो तो वहाँ गुलाब की सुगन्ध वाली अगरबत्ती का दान करें।

          ३२. घर के मुख्य द्वार पर कुमकुम से स्वस्तिक का चिह्न बनाएं। द्वार के दोनों ओर कुमकुम से ही शुभ-लाभ लिखें।

          ३३. लक्ष्मी पूजन में सुपारी रखें। सुपारी पर लाल धागा लपेटकर अक्षत, कुमकुम, पुष्प आदि पूजन सामग्री से पूजा करें और पूजन के बाद इस सुपारी को तिजोरी में रखें।

          ३४. दीपावली के दिन श्वेतार्क गणेश की प्रतिमा घर में लाएंगे तो हमेशा बरकत बनी रहेगी। परिवार के सदस्यों को पैसों की कमी नहीं आएगी।

          ३५. यदि सम्भव हो सके तो इस दिन किसी तालाब या नदी में मछलियों को आटे की गोलियाँ बनाकर खिलाएं। शास्त्रों के अनुसार इस पुण्य कर्म से बड़े-बड़े संकट भी दूर हो जाते हैं।

          ३६. घर में स्थित तुलसी के पौधे के पास दीपावली की रात में दीपक जलाएं। तुलसी को वस्त्र अर्पित करें।

          ३७. स्फटिक से बना श्रीयन्त्र दीपावली के दिन बाजार से खरीदकर लाएं। श्रीयन्त्र को लाल वस्त्र में लपेटकर तिजोरी में रखें। कभी भी पैसों की कमी नहीं होगी।

          ३८. दीपावली पर सुबह-सुबह शिवलिंग पर ताँबे के लोटे से जल अर्पित करें। जल में यदि केसर भी डालेंगे तो श्रेष्ठ रहेगा।

          ३९. जो लोग धन का संचय बढ़ाना चाहते हैं, उन्हें तिजोरी में लाल कपड़ा बिछाना चाहिए। इसके प्रभाव से धन का संचय बढ़ता है। महालक्ष्मी का ऐसा फोटो रखें, जिसमें लक्ष्मी बैठी हुईं दिखाई दे रही हैं।

          ४०. उपाय के अनुसार दीपावली के दिन ४ अभिमन्त्रित गोमती चक्र, ३ पीली कौड़ियाँ और ३ हल्दी गाँठों को एक पीले कपड़े में बाँधें। इसके बाद इस पोटली को तिजोरी में रखें। धन लाभ के योग बनने लगेंगे।

          ४१. यदि धन सम्बन्धी परेशानियों का सामना कर रहे हैं तो किसी भी श्रेष्ठ मुहूर्त में हनुमानजी का यह उपाय करें।
           उपाय के अनुसार किसी पीपल के वृक्ष का एक पत्ता तोड़ें। उस पत्ते पर कुमकुम या चन्दन से श्रीराम
लिखें। इसके बाद पत्ते पर मिठाई रखें और यह हनुमानजी को अर्पित करें। इस उपाय से भी धन लाभ होता है।

          ४४. एक बात का विशेष ध्यान रखें कि माह की हर अमावस्या पर पूरे घर की अच्छी तरह से साफ-सफाई की जानी चाहिए। साफ-सफाई के बाद घर में धूप-दीप-ध्यान करें। इससे घर का वातावरण पवित्र और बरकत देने वाला बना रहेगा।

          ४४. सप्ताह में एक बार किसी ज़रूरतमन्द सुहागिन स्त्री को सुहाग का सामना दान करें। इस उपाय से देवी लक्ष्मी तुरन्त ही प्रसन्न होती हैं और धन सम्बन्धी परेशानियों को दूर करती हैं। ध्यान रखें, यह उपाय नियमित रूप से हर सप्ताह करना चाहिए।

          ४५. यदि कोई व्यक्ति दीपावली के दिन किसी पीपल के वृक्ष के नीचे छोटा-सा शिवलिंग स्थापित करता है तो उसके जीवन में कभी भी कोई परेशानियाँ नहीं आएंगी। यदि कोई भयंकर परेशानियाँ चल रही होंगी तो वे भी दूर हो जाएंगी। पीपल के नीचे शिवलिंग स्थापित करके उसकी नियमित पूजा भी करनी चाहिए। इस उपाय से गरीब व्यक्ति भी धीरे-धीरे मालामाल हो जाता है।

          ४६. पीपल के ११ पत्ते तोड़ें और उन पर श्रीराम” का नाम लिखें। राम नाम लिखने के लिए चन्दन का उपयोग किया जा सकता है। यह काम पीपल के नीचे बैठकर करेंगे तो जल्दी शुभ परिणाम प्राप्त होते हैं। राम नाम लिखने के बाद इन पत्तों की माला बनाएं और हनुमानजी को अर्पित करें।

          ४७. कलयुग में हनुमानजी शीघ्र प्रसन्न होने वाले देवता माने गए हैं। इनकी कृपा प्राप्त करने के लिए कई प्रकार के उपाय बताए गए हैं। यदि पीपल के वृक्ष के नीचे बैठकर हनुमान चालीसा का पाठ किया जाए तो यह चमत्कारी फल प्रदान करने वाला उपाय है।

          ४८. शनि दोषों से मुक्ति के लिए तो पीपल के वृक्ष के उपाय रामबाण हैं। शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या के बुरे प्रभावों को नष्ट करने के लिए पीपल के वृक्ष पर जल चढ़ाकर सात परिक्रमा करनी चाहिए। इसके साथ ही शाम के समय पीपल के वृक्ष के नीचे दीपक भी लगाना चाहिए।

          ४९. दीपावली से एक नियम हर रोज़ के लिए बना लें। आपके घर में जब भी खाना बने तो उसमें से सबसे पहली रोटी गाय को खिलाएं।

          ५०. शास्त्रों के अनुसार एक पीपल का पौधा लगाने वाले व्यक्ति को जीवन में किसी भी प्रकार का कोई दुख नहीं सताता है। उस इंसान को कभी भी पैसों की कमी नहीं रहती है। पीपल का पौधा लगाने के बाद उसे नियमित रूप से जल अर्पित करना चाहिए। जैसे-जैसे यह वृक्ष बड़ा होगा, आपके घर-परिवार में सुख-समृद्धि बढ़ती जाएगी, धन बढ़ता जाएगा। पीपल के बड़े होने तक इसका पूरा ध्यान रखना चाहिए, तभी आश्चर्यजनक लाभ प्राप्त होंगे।

          ५१. दीपावली पर लक्ष्मी का पूजन करने के लिए स्थिर लग्न श्रेष्ठ माना जाता है। इस लग्न में पूजा करने पर महालक्ष्मी स्थाई रूप से घर में निवास करती हैं। पूजा में लक्ष्मी यन्त्र, कुबेर यन्त्र और श्रीयन्त्र रखना चाहिए। यदि स्फटिक का श्रीयन्त्र हो तो सर्वश्रेष्ठ रहता है। एकाक्षी नारियल, दक्षिणावर्त शंख, हत्थाजोड़ी की भी पूजा करनी चाहिए।

          आपके लिए यह दीपावली महापर्व मंगलमय हो और यह दीपावली आप के जीवन में धन-धान्य, सुख-समृद्धि, यश एवं अपार खुशियाँ लेकर आए। मैं सद्गुरुदेव भगवान श्री निखिलेश्वरानन्दजी से आप सबके लिए ऐसी ही कामना करता हूँ।

           इसी कामना के साथ

ॐ नमो आदेश निखिल को आदेश आदेश आदेश ।।

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